कुलथी दाल फॉर किडनी स्टोन | Kulthi ki Dal | कुलथी दाल के फायदे

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कुलथी दाल (Kulthi ki Dal) का नाम तो आप ने सुना ही होगा, बहुत जगहों पर इसे कुलथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दाल के बहुत सारे औषधीय गुण भी हैं, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे। यह तीन पत्तियों वाला पौधा है। आमतौर पर हम यही जानते हैं कि कुलथी दाल का इस्तेमाल पथरी के इलाज के लिए होता है। इसके अलावा भी कुलथी दाल के बहुत फायदे हैं, बहुत से औषधीय गुण हैं जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है ।

कुलथी पथरी के इलाज के अलावा और किन बीमारियों में काम करती है आइए जानते हैं –

कुलथी की प्रकृति थोड़ी कड़वी, तीखी, मधुर है जो कि पित्त, रक्तपित्त, अम्लपित्त, खून को बढ़ाने वाली होती है ।

इसका उपयोग पथरी, सांस की बीमारियों, खांसी, जलन, मुंहासे, हृदय रोग, पेट फूलना, मूत्राशय में दर्द, कब्ज, पेट की बीमारी, अरुचि(Anorexia) के इलाज के लिए किया जाता है।
कुलथी का पानी वात रोग में भी बहुत ही फायदेमंद है।

कुलथी का वानस्पतिक नाम ………. डोलिकोस यूनिफ्लोरस
है। और ये फैबेसी कुल का है। इसका हिंदी नाम कुलथी और अंग्रेजी नाम हॉर्स ग्राम ( horse gram) है।

कुलथी के प्रयोग की विधि –

कुलथी के बीजों को एक ग्लास में 250 ग्राम पानी लेकर उसमें 20 ग्राम कुलथी डाल कर रख दें। प्रातः इस पानी को छानकर खाली पेट ही इसका सेवन करें। फिर उतना ही पानी डालकर इसे दोपहर के समय भी पिया जा सकता है, फिर उतना ही पानी (250 ग्राम) डालकर उसे शाम के समय प्रयोग में ला सकते हैं। और अब दाल को फेंक दें या रात में भिगायी दाल का पानी सुबह पिकर उसकी बची दाल को पीसकर उसमें थोड़ा नमक, मिर्च, और लहसुन(अगर खाते हो तो) डाल कर उसे तवे पर थोड़ा तेल डालकर चीला की तरह बना लें।

लगभग महीनें भर इस तरह से पानी का सेवन करने से पथरी में आराम मिलेगा, गुर्दे और मूत्राशय की पथरी में ये काफी असरदार है।

कुल्थी में पौष्टिक तत्व बहुत ही अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसमे कई सारे पोषक तत्व होते हैं। जैसे कि…
फाइबर…………5.3%
कैलोरी………….321 किलो कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट……52.2
प्रोटीन……………22%
कैल्सियम………..287mg
फैट……………….0.50%
आयरन…………..6.77mg
फास्फोरस………311mg
थियामिन।

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