बवासीर | Bavasir

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क्या होता है पाइल्स?

पाइल्स को हिंदी में बवासीर कहते है।
जब मलद्वार की नसें सूज जाती हैं, तो उसे पाइल्स या बवासीर कहते है।

क्यों होता है पाइल्स?

ये अनुवांशिक होता है, यदि आपके माता- पिता को पाइल्स की समस्या रही है, तो आपको भी यह समस्या होने की संभावना होती है।
इसके होने का सबसे सामान्य कारण है, मलद्वार में दबाव का बढ़ना।
ये इसलिए होता है, क्योंकि आप शौच के समय ज्यादा जोर लगाते हैं।
आपको कब्ज़ की समस्या है, मोटापा है।
बहुत ज्यादा वजन उठाने का काम करते हैं।
आपके आहार में फाइबर (रेशे) की कमीं है।
प्रेग्नेंसी में भी पाइल्स हो सकता है।

बवासीर के लक्षण-

पाइल्स दो प्रकार के होते हैं-

अंदरूनी या बाहरी

1. बाहरी पाइल्स के लक्षण हैं-

  • दर्द
  • शौच में खून
  • मलद्वार के आसपास खुजली होंना।
  • बाहर कुछ निकला हुआ महसूस होना, सूजन।
  • अगर खून, जम जाए तो अत्यधिक दर्द होना।

2. अंदरूनी पाइल्स के लक्षण-

  • इसमें दर्द नहीं होता।
  • शौच में खून आना सबसे आम लक्षण हैं।
  • जब आकार में बड़े हो जाते हैं तो शौच के समय दबाव के कारण बाहर आ जाते हैं।
  • और फिर अपने आप अंदर भी चले जाते हैं।
  • डॉक्टर्स इन लक्षणों से अंदाजा लगा लेते हैं कि आपको बवासीर की समस्या है।
  • लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए मलद्वार की जांच की जाती है।
  • जरूरत पड़ने पर मलद्वार तथा अंतड़ियों में दूरबीन डालकर देखना पड़ता है।
  • जिसे Anoscopy या Sigmoidoscopy कहते हैं।
  • कभी भी शौच से निकलने वाले खून के लक्षण को हल्के में न लें।
  • ये गम्भीर बीमारी जैसे मलद्वार रेक्टम का कैंसर Inflammatory Bowel Disease (IBD) के लक्षण हो सकते हैं।

बवासीर का इलाज-

  • सबसे पहले जरूरी है आहार में बदलाव।
  • आने खाने में रेशेदार खाद्य पदार्थ बढ़ाएं।
  • जैसे सब्जियां, फल, फलियां, दलिया
  • आहार में 20 से 35 ग्राम फाइबर जरूरी होता है।
  • पानी भरपूर पियें, जिससे आपकी शौच कड़ा न हो और जोर लगाने की जरूरत कम पड़े।
  • एक्ससाइज करे, जिससे आंत की मूवमेंट ठीक रहे।
  • कुछ न कर पाने की स्थिति में आधा घण्टा टहल लें। जिससे आंतों की मूवमेंट हो जाए।
  • जब शौच लगे तो इसे रोके नहीं, ज्यादा देर शौच रोकने से मलद्वार में प्रेशर बढ़ेगा।
  • मलत्याग के समय जोर न लगाएं।
  • वजन ज्यादा है, तो कम करने की कोशिश करें।
  • दर्द ज्यादा हो तो, मलद्वार के पास आइसपैक लगा सकते हैं, इससे आराम मिल सकता है।
  • गुनगुने पानी मे कोई एंटीसेप्टिक डालकर, टब में 5 से 10 मिनट के लिए बैठें।
  • 2 से 5 दिन में लक्षण कम नही होते तो किसी डॉक्टर से जरूर मिलिए।
  • डॉक्टर इसका इलाज दवा या ऑपरेशन से कर सकते हैं।
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